Posts

Showing posts from December, 2019
एक सुनहरा सफर  बात उस समय की है जब में बच्चा था , दिल का थोड़ा कच्चा ,पर इरादों का पक्का था |  दसवीं ख़तम कर ग्यारवी की और जा रहा था , अपने सपनो की तरफ एक और कदम बड़ा रहा था | नया था स्कूल नए थे लोग , अपनेपन की थी कमी ,और दिखावे की थी होड़, सोचा था दूर रहूंगा इस माहौल  से , पर किस्मत भी बड़ी टेडी चीज़ है , ले आयी उसी मोड़ पर |  देखा एक लड़की को दिल रुक सा गया , फिर खुद को समझाया और कहा  ये कोई प्यार नहीं जवानी की आग है , जिसका कोई वजूद नहीं और नहीं कोई औकाद  है |  समय बिता दिन बीते ,और समझ आया ,  आग नहीं जो बुझ जाये ये तो प्यार है || १||  जिस रास्ते जाने से डरता था , उसी मोड़ पर खड़ा हु |  घर का बड़ा बेटा हु , और  बड़ी है मेरे सपनो की प्यास , परिवार की जिम्मेदारी के बीच खुद को दबा दिया , और उस रस्ते से खुद को भगा दिया |  आज भी वो गलिया याद आती  है,  वो ही पुराणी तस्वीर आँखों पर छा जाती है |  अधूरी है ये कहानी , क्योकि अधूरी है इसकी हकीकत , सोचा लिखूंगा तब जब मिलेंगी फुर्सत || २ ||  ✎  ©प्रवीण कुमार