Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps - February 01, 2022 क्यु मुझे आती है उसी कि याद,जिसे भुलाना चाहता हु.दो पल बिताये नही जिसके साथ ,पुरा जीवन बिताना चाहता हु.समझदार तो वो भी थी फ़िर,क्यु समझ ना पायी मेरे इरादो को.नादान था मे नादानिया कर बेठा था ,रेगिस्तान की रेत को पानी समझ बैठा || Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps Comments
- December 26, 2019 एक सुनहरा सफर बात उस समय की है जब में बच्चा था , दिल का थोड़ा कच्चा ,पर इरादों का पक्का था | दसवीं ख़तम कर ग्यारवी की और जा रहा था , अपने सपनो की तरफ एक और कदम बड़ा रहा था | नया था स्कूल नए थे लोग , अपनेपन की थी कमी ,और दिखावे की थी होड़, सोचा था दूर रहूंगा इस माहौल से , पर किस्मत भी बड़ी टेडी चीज़ है , ले आयी उसी मोड़ पर | देखा एक लड़की को दिल रुक सा गया , फिर खुद को समझाया और कहा ये कोई प्यार नहीं जवानी की आग है , जिसका कोई वजूद नहीं और नहीं कोई औकाद है | समय बिता दिन बीते ,और समझ आया , आग नहीं जो बुझ जाये ये तो प्यार है || १|| जिस रास्ते जाने से डरता था , उसी मोड़ पर खड़ा हु | घर का बड़ा बेटा हु , और बड़ी है मेरे सपनो की प्यास , परिवार की जिम्मेदारी के बीच खुद को दबा दिया , और उस रस्ते से खुद को भगा दिया | आज भी वो गलिया याद आती है, वो ही पुराणी तस्वीर आँखों पर छा जाती है | अधूरी है ये कहानी , क्योकि अधूरी है इसकी हकीकत , सोचा लिखूंगा तब जब मिलेंगी फुर्सत || २ || ✎ ©प्रवीण कुमार Read more
- September 16, 2023 चल रहा है सफ़र कुछ इस कदर , विश्वास पर विश्वास खो रहा हु । अकेले रहने मे अब खुश मे हो रहा हु, साथ था वो सोने सा, उसमे मिलावत हो गयी, पता नही किस बात कि ये नजाकात हो गयी । गलत समझ कर लोग मुझे गिनवायेनगे, पर दोस्त खोने का दुख ना मेरे लफ्ज बता पायेनगे ॥ १॥ पता नही किस घडी वो क़ाटा रुक गया, वो प्यार का पन्ना किताब से बिखर गया , बिखर गये वो सपने स़जोये हुये , मिट गयी वो यादे जो अभी हुयी नही । लगता है तुमको ये मेरी कहानी लग रही , पर जनाब ये मेरे मन कि हलचल बता रही । सम्भाल लुग़ा सब मै , मुझे खुद पर विश्वास है , बहुत पका दिया सबको क्युकि ये सारी बात बकवास है ॥ २॥ © ✐ प्रवीण कुमार Read more
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